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"वाह!" सुधा बोली, "अच्छा गेसू, आज बहुत-से शेर सुनाओ।" "सुनो- इक रिदायेतीरगी है और खाबेकायनात डूबते जाते हैं तारे, भीगती जाती है राता" "पहली लाइन के क्या मतलब है?" सुधा ने ...